” बस एक दुआ करता हूँ उनसे….”


” बस एक दुआ करता हूँ उनसे….”

“कुछ बीते पल सताने लगें है आज ,
कुछ लोग भुलाने लगे हैं आज,
ऐसी ज़िन्दगी बन गयी है हमारी ,
डरते न थे जिससे हम हकीकत में,
वो सपनों में डराने लगे हैं आज ,
सुबह हम सब भूल जाया करते थे ,
वो सुबह भी याद आने लगे है आज,
ऐसा एहसास मन में जग रहा है ,
हर तरफ बस वही दिख रहा है ,
मैंने क्या की गलती जो ,
आज हमारा सब कुछ बिखर रहा है ,
बस एक दुआ करता हूँ उनसे,
जिन्होंने हमारी दुनिया बनायीं,
न मिटने देना हमारी दुनिया को ,
न दूर करना हमारे अपनों को ,
न तोड़ना हमारे सपनो को ….,
हमारे जीने का मकसद है ये….,
न तोडना हमारे मकसद को… ,
न तोडना हमारे मकसद को …| “

©AMRESH MISHRA

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